Saturday, 15 October 2016

अपने दीदी के संग पति की अदला बदली



    हाय दोस्तों आज मै पहली बार Antarvasna Kamukta Indian Sex Hindi Sex Stories Chudai पे आपके लिए एक भुत ही मजेदार कहानी लेकर आई हु. मुझे यकीं है की आप सभी को मेरी ये कहानी बेहद पसंद आएगी. अब हम टॉपिक पर आते है.मेरा नाम रीमा है। मेरी एक जुड़वा बहन सीमा है। मैं बहुत ही सैक्सी हूँ लेकिन वो सैक्स में ज्यादा रुचि नहीं लेती। हम दोनों दिखने में एक जैसी हैं। कोई भी हम दोनों को देख कर नहीं बता सकता कि कौन सीमा है और कौन रीमा। हम दोनों की आवाज़, बोलने की स्टाइल, सारा बदन, सब एक जैसा है।
हम दोनों की शादी पाँच महीने पहले ही हो चुकी है। हम दोनों की कोई भी बात एक दूसरे से छिपी नहीं है। मेरे पति का नाम जय है और सीमा के पति का नाम किशन है।मेरे पति जय और सीमा के पति किशन, दोनों ही बहुत ज्यादा सेक्सी हैं।
जय और किसन में फर्क केवल लंड के साइज़ का है। जय का लंड आठ इंच लंबा और बहुत मोटा है लेकिन किशन का लंड पाँच इंच ही लंबा है। जय मेरी खूब चुदाई करते हैं। संडे को तो वो मुझे पूरे दिन में कई बार चोदते है। किशन भी सीमा को खूब चोदते हैं लेकिन सीमा को सैक्स करना ज्यादा पसंद नहीं है। किशन भी संडे को जय कि तरह ही सीमा कि खूब चुदाई करते है लेकिन सीमा चुदवाते समय चुपचाप पड़ी रहती है।
एक बार मैं सात दिन के लिये सीमा के घर गयी। मैं अपना कोई भी सामन नहीं ले गयी थी, इसलिये मैं सीमा के ही कपड़े पहनती थी। किशन जीजू भी मुझे नहीं पहचान पाते थे। कभी-कभी वो मुझे सीमा समझ कर मुझे पकड़ लेते थे। मेरे मन में एक दिन शरारत सूझी। मैं बहुत ही सैक्सी हूँ इसलिये मैंने सोचा एक दिन किशन जीजू से चुदवा कर मज़ा लेना चाहिये। संडे का दिन था।


किशन अभी सो रहे थे और सीमा को अपनी एक फ्रैंड के घर जाना था। सीमा ने मुझसे कहा, “किशन को जगा देना और नाश्ता करा देना। मैं दो-तीन बजे तक वापस आ जाऊँगी। कोई शरारत मत करना।”आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा, “ठीक है।”
इतना कहने के बाद सीमा अपनी फ्रैंड के घर चली गयी। सीमा के जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अपने बदन पर एक टॉवल लपेट लिया और ऊँची हील वाली चप्पल पहन कर किशन जीजू को जगाने के लिये उनके रूम में पहुँच गयी। मैंने जीजू को जगाया तो वो उठ गये। उन्होंने मुझे सीमा समझ कर पूछा, “रीमा सो रही है क्या?”
मैं मन ही मन खुश हो गयी और कहा, “वो अपनी एक फ्रैंड के पास गयी है। दो-तीन बजे तक वापस आ जायेगी।”इतना सुनते ही उन्होंने मुझे बेड पर खींच लिया और मुझे चूमने लगे। मैं भी किशन को चूमने लगी। थोड़ी देर बाद वो बोले, “रीमा बहुत ही सैक्सी है और तुम हो कि तुम्हें सैक्स में मज़ा ही नहीं आता।”
मैं चुप रही। उन्होंने मेरे बदन पर लिपटा टॉवल खींच लिया तो मैं एक दम नंगी हो गयी। किशन ने भी कपड़े उतारने शुरु कर दिये। अब हम दोनों एक दम नंगे हो चुके थे।
किशन ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे ऊपर सिक्स्टी-नाईन की पोज़िशन में हो गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया और मुझसे अपना लंड चूसने को कहा। मैंने जीजू का लंड मुँह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी। आज पहली बार कोई दूसरा मेरी चूत को चाट रहा था। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
थोड़ी ही देर बाद जीजू का लंड खड़ा हो गया। मैंने उनका लंड अपने मुँह के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया तो जीजू बोले, “सीमा, लगाता है कि आज तुम मूड में
हो।”


मैंने कहा, “हाँ किशन, आज मैं चूत चुदवाने के मूड में हूँ। रीमा सुबह मुझे जय और अपना किस्सा बता रही थी इसलिये मुझे भी आज थोड़ा जोश आ गया। आज मेरा मन भी कई बार चुदवाने का हो रहा है।”
किशन बोले, “तब तो आज खूब मज़ा आयेगा।” किशन अभी भी मेरी चूत चाट रहे थे और मैं बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी। थोड़ी ही देर में मैं झड़ गयी तो किशन ने कहा, “आज तो तुम्हारी चूत ने पानी भी छोड़ दिया।”
मैंने कहा, “हाँ, आज मैं भी जोश में हूँ।” उसके बाद किशन मेरे ऊपर से हट कर मेरी टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने मेरी टाँगों को उठा कर मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिया। मेरे पैरों में अभी भी हील वाली चप्पल मौजूद थी। फिर उन्होंने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच में रख दिया।
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गतांग से आगे …..
मेरी चूत पर आज पहली बार किसी दूसरे आदमी ने अपना लंड रखा था इसलिये मैं जोश के मारे एक दम पागल सी होने लगी। मेरे सारे बदन में सनसनी सी दौड़ गयी। तभी किशन ने एक धक्का मारा तो उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।
वो बोले, “क्या बात है। आज तुम्हारी चूत एक दम ढीली लग रही है। मेरा पूरा का पूरा लंड बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया।” मैं तो जय के आठ इंच लंबे लंड से चुदवाने की आदी थी और किशन का लंड केवल पाँच इंच का था। मैंने कहा, “आज मैं ज्यादा जोश में हूँ और एक बार झड़ भी चुकी हूँ इसलिये तुम्हें मेरी चूत धीली लग रही होगी।”
किशन कुछ नहीं बोले और उन्होंने मुझे तेजी के साथ चोदना शुरु कर दिया। वो एक दम जय कि तरह मेरी चुदाई कर रहे थे। अंतर केवल इतना था कि किशन का लंड जय के लंड से छोटा था। मैं बहुत ज्यादा जोश में थी इसलिये पाँच मिनट में ही झड़ गयी। मेरी चूत से पानी निकलता देखकर किशन बहुत ज्यादा जोश में आ गये और उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।


वो मुझे एकदम आँधी कि तरह चोदने लगे। पूरा बेड हिलने लगा और रूम में फच-फच की आवाज़ होने लगी। लगभग पंद्रह मिनट बाद किशन के लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरी चूत भरने लगी। किशन के साथ ही साथ मैं भी फिर से झड़ गयी। पूरी तरह से झड़ जाने के बाद किशन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और हट गये।
मैंने किशन को अपनी तरफ़ खींच लिया और उनका लंड चाटने लगी। वो बहुत खुश हो गये और बोले, “तुम तो मेरा लंड झड़ने के बाद अपने मुँह में नहीं लेती थी लेकिन आज तो तुम मेरा लंड भी चाट रही हो। आज तो चुदाई में मज़ा आ गया।”
उसके बाद मैं किशन के साथ फिर से बाथरूम में नहाने चली गयी। हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर खूब साबून लगाया और नहाने लगे। हम दोनों बाथरूम से नहा कर नंगे ही बाहर आ गये। मैंने कहा, “मैं नाश्ता बनाने जाती हूँ।”
मैं कपड़े पहनने लगी तो किशन बोले, “घर में तो कोई भी नहीं है। आज तुम ऐसे ही नाश्ता बना लो।”मैं सिर्फ ऊँची हील वाली चप्पल पहने एक दम नंगी ही नाश्ता बनाने चली गयी। थोड़ी देर बाद मैं नाश्ता लेकर आयी तो मैंने देखा कि किशन भी एक दम नंगे ही सोफ़े पर बैठ कर नाश्ते का इंतज़ार कर रहे थे।
हम दोनों नाश्ता करने लगे। नाश्ता करने के बाद किशन ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया और मुझे सोफ़े पर लिटा दिया। उन्होंने प्लेट से ढेर सारा बटर उठाया और मेरी चूत में भरने लगे। जय ने मेरे साथ आज तक ऐसा कभी नहीं किया था इसलिये मुझे मज़ा आ रहा था।
मैं जोश में आने लगी। उन्होंने ढेर सारा बटर मेरी चूत में भर दिया और फिर मेरी चूत से बटर चाटने लगे। मैं एक दम पागल सी होने लगी। फिर उन्होंने दो ब्रैड लिये और मेरी चूत में अँगुली डाल डाल कर बटर निकालने लगे। उन्होंने वो बटर ब्रैड पर लगाना शुरु कर दिया। उसके बाद किशन ने एक ब्रैड मुझे दिया और दूसरा खुद खाने लगे और बोले, “बहुत ही स्वाद है इस ब्रैड में।”
मैं भी मुस्कुराते हुए ब्रैड खाने लगी। ब्रैड खाने के बाद उन्होंने मुझे ज़मीन पर डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपना लंड एक ही झटके से मेरी चूत में डाल दिया। बटर लगा होने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम जड़ तक घुस गया। उसके बाद किशन ने मेरी चुदाई शुरु कर दी। बटर लगा होने कि वजह से उनका लंड स्लिप करते हुए मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा था। मुझे बहुत कम मज़ा आ रहा था। वो मुझे लगभग तीस मिनट तक चोदने के बाद बोले, “तुम जानती हो कि मैंने तुम्हारी चूत में बटर क्यों लगाया?”आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैंने कहा, “नहीं।” किशन बोले, “मैं इस बार बहुत देर तक चोदना चाहता था। इस बटर की वजह से मेरा लंड तुम्हारी चूत में स्लिप करते हुए अंदर बाहर हो रहा है। इस वजह से हम दोनों जल्दी नहीं झड़ पायेंगे।”
अब जाकर मैं समझ पायी कि किशन ने मेरी चूत में बटर क्यों लगाया। वो मेरी चुदाई बहुत ही तेजी के साथ कर रहे थे। लगभग बीस मिनट तक और चोदने के बाद किशन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले, “अब मैं थक गया हूँ। लाओ तुम्हारी चूत को साफ कर दूँ।”
उसके बाद उन्होंने टॉवल से मेरी चूत को एक दम साफ कर दिया और फिर अपना लंड साफ़ करने लगे। उसके बाद उन्होंने फिर से मेरी चूत में एक झटके से अपना लंड घुसा दिया। चूत ड्राई हो जाने की वजह से इस बार मुझे थोड़ा दर्द हुआ तो मेरे मुँह से एक सिसकरी सी निकल पड़ी।
उसके बाद उन्होंने तेजी के साथ मेरी चुदाई शुरु कर दी। दस मिनट चुदवाने के बाद मैं झड़ गयी लेकिन वो रुके नहीं। मुझे चोदते रहे। लगभग बीस मिनट तक और चोदने के बाद किशन भी झड़ गये। उनके साथ ही साथ मैं भी फिर से एक बार झड़ गयी। उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले, “चाटोगी या मैं टॉवल से साफ़ कर दूँ।”

एक साथ तीन लोगो ने मुझे चुदाई

       


दोस्तों मेरा नाम रजनी है Antarvasna Kamukta Indian Sex Hindi Sex Stories Chudai मैं अप्पने मम्मी पापा और एक बड़े भाई साथ रामपुर में रहती हूँ.मेरा फ्लैट तीसरी मंजिल पर एक्कदम कोने पर है. दो साल पहिले ही मेरी कालोनी बनी थी.और मुख्य शहर से थोडा दूर है। दो साल पहिले यहाँ जंगल और खेत थे.आज तक कालोनी को जाने के लिए पका रोड नहीं बन पाया है, इसी लिए रात के दस बजे तक चारों तरफ कोई आदमी दिखाई नहीं देता है.
फिर कालोनी के बहुत से फ्लैट खाली पड़े हैं.मेरे पापा रेलवे में गार्ड हैं और तीन दिन के बाद वापस घर आते हैं.मेरा बड़ा भाई आशीष एम् कामकर रहा है उसकी शादी तय होचुकी है.मैं २० साल की हो चुकी हूँ .इस लिए मम्मी अगले साल मेरी भी शादी करवाना चाहती हैं.और शादी के लिए जेवर और रुपया अपने लोकर में जमा करती रहती हैं.
मेरी कालोनी में अक्सर लाईट चली जाती है.इसलिए कालोनी के लोग रात में घर में ही रहते हैं।
यह इसी साल के दिसंबर की बाथे.में अपनी मम्मी के साथ उनके कमरे में थी.मेरा भाई पढ़ कर अपने कमरे में सो गया था.तभी अचानक लाईट चली गयी.रात के करीब ग्यारह बज चुके थे। तभी मम्मी को जीने पर किसी के पैरों की और बात करने की आवाज सुनाई दी.माननी ने मझे खिड़की से बाहर देखने को कहा.मुझे कोई भी दिखाई नहीं दिया.
तभी किसी ने घर के दरवाजे पर जोर से दस्तक दी .मुझे लगा शायद पापा जल्दी घर आगये हैं और उनकी गाड़ी लेट हो गयी है .मैं दरवाजा खोल ही रही थी की देखें कौन है.जैसे ही मैं ने दरवाजा खोला तीन लोग दन्न से मम्मी के कमरे में घुस गयी.मम्मी मामला समझती की एक आदमी ने मम्मी के गाल पर जोर का चांटा मार दिया.आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैं घबरा कर छत की सीढियों के नीचे छुप गयी .कमरे में होनेवाली घटना चुपचाप देखने लगी.तभी लाईट फिर से आगयी थी.मैं ने देखा तीनों लुटेरों की आयु लगभग 25- 30 साल के बीच की थी.एक ने मम्मी के गले पर चाकू रखा तो मम्मी ने पूछा तुम लोग कौन हो और क्या चाहते हो.
वह बोला मादरचोद देखती नहीं हम कौन हैं बड़ी भोली बनती है.हमें पता है तुने काफी माल जमा कर रखा है .ला साली लाकर की चाबी दे .और सारा माल हमारे हवाले कर दे.वरना तुझे यहीं काट कर रख देंगे.दर के मारे मम्मी ने सारे जेवर और रुपया उनको दे दिया.मम्मी रोने लगी तो एक ने दोबार मम्मी को ऐसा जोर का चांटा है ,मुझे छोड़ नहीं है फिर मारा की वह पलंग पर गिर गई.
फिर मै हाथ जोड़ कर बोलीं की अब मेरे पास कुछ नहीं है मुझे छोड़ दो.चाकू वाले ने दूसरे लुटेरे से कहा बल्लू मकान की ठीक से तलाशी ले.और उसने मम्मी के सारे कपडे उतार दिए.शर्म के मारे मम्मी ने अपनी चूत पर हाथ रखना चाहा तो चाकू वाले ने हाथ हटा दिया.वह बोला साली कहीं चूत में कुछ छुपा तो नहीं लिया है.
उसने मम्मी की चूत और गांड में अपनी उंगली डाल कर देखा.दोनों लुटेरे घर में सब जगह तलासी लेने लगी तो उन्हें मैं सीढियों के नीचे छुपी हुई मिल गयी .उनमे एक जोर से चिल्लाया,कालू माल मिल गया.बड़ा कीमती माल है।
तभी मुझे अचानक समझ अगया की यह लुटेरे कौन थे.जिसे यह लोग कालू कह रहे थे मैं उसे जानती .उसका असली नाम राम था.वह पाहिले मेरे भाई के साथ पढ़ता था.राम को पहचानने के बाद मैं बाक़ी दोनों कोभी जान गयी.जिसे यह लोग बालू कह रहे थे उसका नाम बलदेव था और तीसरा विकाश था।

तीनों तीनो अच्छे घर के लडके थे और कोई नौकरी न मिलने के कारण ऐसे काम करने लगी थे।
उन दोनों ने मुझे बाल पकड़ कर राम के पास खींच लिया.राम बोला हरामजादी जूठ बोलती थी की कुछ नहीं है ,यह माल क्या तेरी चूत से आगया है .आवाज सुन कर मेरा भाई जाग गया.
फ़ौरन तीनों ने उसे भी मम्मी के कमरे में घसीट लिया.और उसे मारने लगी.मम्मी बोली तुम लोगों को जो लेना था वह ले चुके अब मेरे लडकी को क्यों मार रहे हो.जब मम्मी गुस्से में गाली देने लगी ,तो विकाश बोला रंडी तुझे अपने पर बड़ा प्यार है.इसलिए जब तक तुम अपने इसी लडके से नहीं चुदवायेगी हम उसे नहीं छोड़ेंगे. वरना उसे तेरे सामने ही यहीं काट कर फेक देंगे राम ने चाकू दिखा कर आशीष से कहा चल अपनी माँ की चुदाई कर .
तुझे आज सचमुच का मादरचोद बनाए देते हैं। उन्होंने आशीष के सारे कपडे उतार दिए और मम्मी के ऊपर चढ़ा दिया लेकिन शर्म के मारे आशीष का लंड खडा नहीं हो रहा था.विकाश बोला साले लंड जल्दी तय्यार कर ,नहीं लंड काट कर तेरी माँ की चूत में घुसा देंगे. फिर लंड के बिना तेरी शादी कसे होगी.मामी घबरा गयी,खडा करने के लिए आशीष का लंड चूसने लगी. यह देख मुझे आशीष का लंड बड़ा प्यारा लग रहा था.
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मैंने रंडी जैसी मस्त माल की चुदाई 1

    



    हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन की है जो कि Antarvasna Kamukta Indian Sex Hindi Sex Stories Chudai बिल्कुल सच्ची घटना है और इस वक्त मेरी उम्र 26 साल है और जब मैंने ज्योति की चुदाई की तब मेरी उम्र 21 साल थी और ज्योति की भी 20 थी और ज्योति के बूब्स का साईज़ 32 था, लेकिन वो दिखने में एकदम किसी रंडी जैसी मस्त माल थी। मैंने पहली बार ज्योति को चेट पर देखा और करीब 4 दिन बाद ही हमारी चेटिंग से सेटिंग शुरू हो गई।
वो एक बहुत ही हॉट लड़की थी, जैसे उसको चुदने का बहुत अनुभव हो। फिर मेरी उससे बात शुरू हो गई और करीब 2 महीने हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती रही, लेकिन किस्मत से मुझे एक दो बार उसके घर पर जाने का मौका मिला, तो हम बस किस ही कर सके, क्योंकि वो घर से ज्यादा बाहर नहीं आती थी और उसके घर वाले उसको अकेले कभी कहीं नहीं जाने देते थे और अब इस बीच हम दोनों बहुत आगे तक जाने लगे थे। अब वो मुझसे फोन पर अब बहुत गंदी गंदी बातें करने लगी थी और में भी उसके साथ फोन सेक्स करके बहुत मज़े में रहता था, लेकिन हमें मिलने का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था और जिसकी वजह से में उसे चोद नहीं पा रहा था और मुझे उसकी बातों से लगता था कि वो कोई बहुत बड़ी रंडी है।
फिर स्कूल के बाद उसका कॉलेज में जाना शुरू हो गया, जहाँ पर कुछ दिन रहने के बाद अब उसको वहां से झूठ बोलकर बाहर निकलने का मौका नज़र आने लगा और फिर एक दिन उसने मुझसे अकेले में मिलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की और उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलकर चुदवाना चाहती है। फिर में भी उसकी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश था और हमारे प्लान के हिसाब से उस दिन जब उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर जाएगें तो वो अपने कॉलेज से बंक करके बाहर आ जाएगी और हम किसी होटल जायेगें, लेकिन में होटल में कभी गया ही नहीं था और फिर इसलिए मैंने अपने एक दोस्त से बोला कि तू हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ करवा दे। दोस्तों हमारी अच्छी किस्मत से उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था और उसके घर के सब लोग कहीं बाहर गये हुए थे।आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर ज्योति को फोन करके कहा कि तुम तैयार हो जाओ हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ हो गया है। फिर वो भी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर ऐसे ही दूसरे दिन उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर चले गये, वो कुछ देर अंदर रुककर तुरंत बाहर आ गई। फिर उसने मुझे फोन किया और कुछ देर बाद में उसके कॉलेज पहुंच गया.
में उसको अपने साथ अपनी बाईक पर बैठाकर रूम पर ले आया और आते समय रास्ते में मैंने उसके साथ बहुत मस्ती की कभी बाईक के ब्रेक्स ज़ोर से लगा देता तो उसके बूब्स एकदम से मेरी कमर से दब जाते, लेकिन दोस्तों वो बहुत चालू थी और उसको यह सब समझ में आ गया था कि यह में क्या और क्यों कर रहा हूँ? तो वो भी अब जानबूझ कर मेरे साथ पीछे चिपककर हग करके बैठ गई, जिससे उसके बूब्स मेरी कमर के साथ लग गये। फिर रूम में आते ही कुछ देर बैठकर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरा दोस्त चाय बनाकर ले आया और हमने साथ बैठकर चाय पी और फिर मेरा दोस्त कुछ देर बाद मेरी तरफ मुस्कुराता हुआ बाहर चला गया। फिर मैंने तुरंत उठकर रूम की कुण्डी लगाई और में बेड पर बैठी ज्योति के पास जाकर बैठ गया और अब मैंने उससे पूछा कि अब क्या करना है? फिर उसने शरारती अंदाज़ में मुझसे बोला कि तुम्हें ही सब पता है और में तो बस तुम्हारे कहने पर आ गई। में अब उसकी यह बात सुनता रहा।

दोस्तों मेरे दोस्त ने पहले से ही अपने रूम में मेरे लिए कंडोम लाकर रख दिए थे और उसने मुझे बता दिया था कि बेड के पास की दराज़ में कंडोम रखे हुए है, क्योंकि वो भी जानता था कि आज में अपनी गर्लफ्रेंड को जरुर चोदूंगा। फिर मैंने ज्योति को बेड पर बैठे बैठे ही किस करना शुरू कर दिया। दोस्तों जिसकी वजह से ज्योति बहुत ही कम समय में ज्यादा हॉट हो गई और अब वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी। मैंने उसको किस करते करते लेटा दिया और में अब उसके ऊपर लेटकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया, वो अब बहुत मज़े से मेरी जीभ को चूसने लगी और मेरा लंड तो अब तनकर खड़ा हो गया और पेंट के ऊपर से ही उसकी चूत को छूने लगा।
दोस्तों वैसे यह सेक्स अनुभव मेरा भी पहला अनुभव था। मैंने किस करते करते ज्योति के बूब्स को मसलते हुए धीरे धीरे दबाना शुरू किया तो वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी और मुझे कसकर गले लगाने लगी। मैंने अब उसकी कमीज उतारनी चाही, लेकिन वो बहुत टाईट थी तो बहुत फंस गई। फिर वो उठी और अपनी कमीज को उतारकर वापस लेट गई और अब मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाए और उसके बूब्स पर बहुत बार किस किए। आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है। फिर में उसकी ब्रा को खोलने लगा और मैंने उसको थोड़ा सा उठाकर उसकी ब्रा को खोला तो वो बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स को देखकर मेरी आखें बाहर आ गई, उसके बूब्स एकदम मस्त थे और उसके ऊपर भूरे रंग की निप्पल थी, तो मैंने फट से उसके निप्पल को अपने मुहं में डालकर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिए और अपने दोनों हाथों से एक एक बूब्स को दबाने लगा और वो तो जैसे एकदम से बेक़ाबू हो गई।
फिर जैसे ही मैंने सही मौका देखकर उसकी सलवार में अपना एक हाथ डालना चाहा तो उसने अपने दोनों पैरों को ज़ोर से कसकर बंद कर लिया, लेकिन दोस्तों में अब कहाँ रुकने वाला था? मैंने उसकी चूत को छूकर महसूस किया तो वो अब तक पूरी भीग चुकी थी। दोस्तों मैंने यह भी महसूस किया कि उसकी जान जैसे उसकी चूत के होंठो पर लगी हो और मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली तो वो एकदम से ढीली हो गई, जैसे उसमें अब जान ही ना हो। मैंने उसकी चूत में बहुत देर तक ऊँगली की और इस बीच वो झड़ चुकी थी। फिर में उठा और मैंने पास वाली दराज़ खोलकर एक कंडोम निकालकर अपने लंड पर चड़ाने लगा और इस बीच वो मुझे बहुत ध्यान से देख रही थी और बोल रही थी कि यह कहीं अंदर ही फट तो नहीं जाएगा ना और मुझे कुछ होगा तो नहीं ना? फिर मैंने कहा कि तुम्हें ऐसा कुछ नहीं होगा, मुझे लगा कि यह नखरे करेगी, शायद यह पहले भी चुद चुकी होगी। तभी में जैसे ही उस पर दोबारा लेटा तो मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और वो मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर लाने लगी।आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसके बूब्स दबाए और फिर से उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा। तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी और यह चुदाई मेरी भी पहली चुदाई थी और इसलिए मुझे इसका ज्यादा अनुभव भी नहीं था। मेरा लंड कई बार फिसल जाता, कभी नीचे कभी ऊपर और 4- 5 बार कोशिश करने के बाद मैंने अभी तक उसकी चूत के अंदर अपना टोपा ही डाला और वो उस दर्द से कराह गई और मुझसे बोली कि मदहोशी में भी मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज उफ्फ्फ थोड़ा धीरे आह्ह्हह्ह्ह्ह करो। फिर मैंने मन में सोचा कि बहनचोद ज्यादा नखरे कर रही है और फिर जैसे ही मैंने एक झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा सा और अंदर चला गया तो वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगीआप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है, और मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोड़ा बाहर निकाल लो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और ज़ोर लगाकर लंड को आगे धकेलने लगा। अब मुझे लगा कि शायद इससे आगे अब मेरा लंड नहीं जाएगा, क्योंकि दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है और उस टाईम में अपने पूरे जोश में था।
फिर मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और अब मुझे महसूस हुआ कि शायद उसकी सील टूट गई है और मुझे उसकी उस बात का अंदाज़ा हुआ कि वो बिल्कुल सच बोल रही थी कि वो अब तक सील पेक है, वो तो उस असहनीए दर्द की वजह से मुझे धक्का देने लगी और रोते हुए मुझसे कहने लगी कि मुझे अब और आगे नहीं करना, प्लीज अब मुझे छोड़ दो उफ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई, प्लीज अब इसे बाहर करो। अब मैंने उसको कंधो से कसकर पकड़ लिया और रुक गया कि कहीं यह मेरे लंड को बाहर ना निकाल दे। फिर पांच मिनट में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसे किस करता रहा। फिर वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने अपने लंड को पूरे दम के साथ उसकी चूत में डाल दिया और वो चीखे मारनी लगी। उसकी आँख से आँसू गिरने लगे, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लंड उसके अंदर डालकर उसको चूमता रहा, वो थोड़ा डर गई थी।

फिर मैंने उसको प्यार से सहलाया और बोला कि कुछ नहीं होगा, अब लंड अंदर चला गया तो वो थोड़ा शांत हो गई। मैंने उसको लगातार धक्कों के साथ चोदना शुरू किया, लेकिन मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा था, क्योंकि वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और तब तक मैंने झटके मारना शुरू किए और वो चीखती रही। अब मेरे मन में अहसास होने लगा कि में अब झड़ चुका हूँ तो मैंने कंडोम उतारने के लिए अपना लंड बाहर निकाला। तब मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा सा खून बाहर आ रहा था। अब मैंने कंडोम को उतारकर उसकी ब्रा से अपने लंड को साफ करके उसके ऊपर लेट गया और वो भी मेरे गले लगकर बस चुपचाप लेटी रही। फिर करीब 15 मिनट के बाद वो उठी और अपनी सलवार, ब्रा को उठाया और बाथरूम में चली गई।आप ये कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है। वहाँ पर जाकर वो ब्रा और सलवार पहनकर अपनी चूत को साफ करके कुछ देर बाद वापस आ गई और मेरे पास में आकर फिर से लेट गई। फिर मैंने उससे बोला कि ज्योति तुम्हारी चूत बहुत टाईट थी। फिर उसने कहा कि हाँ तभी तो उसको बहुत ज्यादा दर्द हुआ।
फिर मैंने कहा कि हाँ लेकिन अब तुम्हें इतना दर्द नहीं होगा और मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया, उसने हल्का हल्का दबाया और जिसकी वजह से लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा को दोबारा खोल दिया और वो फिर से किस करने में मेरा साथ देने लगी। मैंने उसको एक बार फिर से अपने नीचे लेटा दिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा। फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा सा खोला और अपना लंड उस पर रख दिया। तभी वो एकदम झटके से उठ गई और बोली कि मुझे बिना कंडोम के नहीं चुदवाना, वर्ना कुछ हो जाएगा। मैंने बहुत ज़िद की, लेकिन वो नहीं मानी तो में अब थोड़ा नाराज़ होने का नाटक करने लगा और उठकर एक साईड में बैठ गया और अब में अपने कपड़े पहनने के लिए उठने लगा तो उसे लगा कि अब में उसे नहीं चोदूंगा। फिर वो मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर मुझसे बोली कि प्लीज तुम्हें जो करना है कर लो, लेकिन ध्यान रखना कि तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर अपना माल ना गिराए।

अंकल ने मेरी गांड मारी और 1

     


हैल्लो दोस्तों, आज में जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ वो आज से करीब 4 महीने पहले की है Antarvasna Kamukta Indian Sex Hindi Sex Stories Chudai antarvasna1 में कोलकाता से हूँ और मेरी उम्र 24 साल है। मेरी छाती 38 इंच, कमर 30 इंच है और मेरा लंड 7 इंच का है। आज में आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो एक अंकल, आंटी और मेरी है।
यह एकदम सच्ची कहानी है जिसमें मैंने आंटी को चोदा उनके साथ बहुत मज़े किए और वैसे में अन्तर्वासना- स्टोरी डॉट कॉम सेक्सी कहानियाँ पिछले कुछ सालों से पढ़कर उन सभी के मज़े लेता आ रहा हूँ और ठीक वैसी ही एक सच्ची घटना जो मेरे साथ घटी उसको में आपके लिए लेकर आया हूँ। में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आएगी और आप इसको पढ़कर बहुत मज़े करेंगे।
दोस्तों आज से करीब 4 महीने पहले में अहमदाबाद मेरे एक काम से गया हुआ था और वहां पर में अपने एक बहुत अच्छे दोस्त के फ्लेट में रुका हुआ था। वैसे अहमदाबाद में बहुत गर्मी पड़ती है इसलिए रात को खाना खाने के बाद मैंने अपने दोस्त की बीवी से कहा कि आप मेरा बिस्तर आज छत पर लगा देना, मुझे यहाँ पर बहुत गर्मी लग रही है तो में आज छत पर ही सो जाऊंगा।
फिर भाभी ने मेरे कहने पर मेरा बिस्तर छत पर लगा दिया और तब मैंने ऊपर जाकर देखा कि छत पर पहले से ही एक अंकल जिनकी उम्र शायद 47 साल और एक आंटी जिनकी उम्र शायद 42 साल की थी वो दोनों सोए हुए थे और उनका बिस्तर मेरे पास ही था। अंकल बीच में सोए हुए थे और उनके एक तरफ आंटी और दूसरी तरफ में सोया हुआ था।
रात को करीब एक बजे अचानक से मेरी नींद खुल गई तो मैंने देखा कि अंकल मेरे पैरों पर अपना पैर रगड़ रहे थे। मैंने उस समय बरमूडा पहना हुआ था और ऊपर कुछ नहीं पहना था और उन अंकल ने लूँगी पहनी हुई थी। अब अंकल अपना पैर मेरे पैर पर मेरे घुटनों के नीचे रगड़ रहे थे।
उनको शायद लग रहा था कि में अब भी सो रहा हूँ, लेकिन मेरी नींद तो उनकी उस हरकत की वजह से कब की उड़ चुकी थी। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी में मन ही मन बहुत चकित था और अब अंकल धीरे धीरे अपना पैर ऊपर की तरफ ले जा रहे थे और वो अब तक मेरी जाँघो तक पहुंच गये थे।
मेरा लंड तो एकदम टाइट हो गया था। फिर उसने अपने हाथों से मेरी जाँघ पर हाथ फेरना शुरू किया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब वो अपने एक हाथ से उनका लंड पकड़कर मुठ मार रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी जाँघो को सहला रहे थे।


फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी छाती पर हाथ रखा और मेरे बूब्स पर हाथ फेरने लगे। उसके बाद उन्होंने मेरी निप्पल पर उंगली फेरना शुरू किया और थोड़ी देर बाद उसने मेरे बरमूडे के नीचे से अपना एक हाथ डाल दिया और वो मेरे बरमूडे के ऊपर से हाथ फेरने लगे। फिर अंकल ने मेरे बरमूडे के नीचे से मेरा 6 इंच का लंड बाहर निकाला और उसको सहलाने लगे और वो अपने दूसरे हाथ में अपना लंड पकड़कर मुठ मारने लगे।
फिर तभी थोड़ी देर बाद वो नीचे आ गये और मेरा लंड अपने मुहं में डालकर चूसने लगे। फिर उन्होंने तुरंत मेरा पूरा लंड अपने मुहं में डाल दिया और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो में उनके मुहं में अपने लंड को धकका देने लगा।
अब वो दूसरी तरफ सो गये और उन्होंने अपनी लूँगी को पूरी उठाकर उनकी गांड को मेरी तरफ कर दिया, लेकिन मुझे उसमे कोई रूचि नहीं थी और उनकी गांड बहुत गोरी और उनके बदन पर एक भी बाल नहीं था, पूरा का पूरा एकदम साफ था। आप ये कहानी आप डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

फिर मैंने उनको मना कर दिया कि मुझे उसमे कोई भी रूचि नहीं है, मुझे सिर्फ़ औरतों में रूचि है तो वो बोले में तुम्हे बहुत मज़ा करवाऊंगा, लेकिन मैंने उनकी कोई भी बात को नहीं माना। तभी मेरे दिमाग़ में एक बात आई दोस्तों उनके पास में जो आंटी सोई हुई थी वो बहुत सुंदर और गोरी भी थी, उनके बूब्स बहुत बड़े आकार के और बहुत गोल गोल थे।
उनके बारे के सोचकर मैंने उनसे कहा कि अगर आंटी मुझे उनकी चुदाई करने दे तो में आपका हर एक काम करूंगा। आप मुझे जो कुछ भी कहोगे में जरुर करूंगा। अब वो बोले कि हाँ ठीक है, लेकिन सबसे पहले तुम्हे मेरी गांड मारनी होगी तो मैंने कहा कि मुझे आपकी हर बात मंजूर है।
फिर दूसरे दिन दोपहर को में खाना खाने के बाद उनके घर पर गया। मुझे तो अभी तक भी आंटी के साथ चुदाई के ही विचार मन में आ रहे थे और मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो आंटी ने दरवाजा खोला और वो मेरी तरफ मुस्कुराई। में तुरंत समझ गया कि अंकल ने इनको अब तक वो सब बता दिया होगा, उस घर में आंटी और अंकल ही रहते थे।

अंकल ने मेरी गांड मारी और 2




उसके दो बेटे अमेरिका में थे वो वहीं पर रहकर अपनी नौकरी कर रहे थे और साल दो साल में कुछ दिनों के लिए वो यहाँ आते थे।
अब मैंने देखा कि आंटी ने दो गद्दे नीचे जमीन पर लगाए हुए थे और थोड़ी देर बाद अंकल स्नान करके बाथरूम से बाहर आए और उन्होंने अपने बदन पर एक टावल लपेटा हुआ था। मैंने देखा कि उनके पूरे बदन पर एक भी बाल नहीं था और उनके बूब्स बिल्कुल लड़कियो जैसे हल्के हल्के उभरे हुए थे।
अब में नीचे उस गद्दे पर लेट गया, तभी मेरे पास आंटी भी तुरंत लेट गयी और अब वो धीरे धीरे मेरे बिल्कुल पास आ गयी और मुझे अपनी अजीब सी नजर से देखने लगी, तब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम बहुत ही जवान, सुंदर हो और तुम्हारा यह बदन भी बहुत अच्छा है l
फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम्हारे अंकल को तो मुझमें बिल्कुल भी रूचि ही नहीं है, उनको तो हमेशा लड़के ही पसंद है, वो पिछले कई महीनों से मेरे साथ सोए भी नहीं है इसलिए मुझे तो अब अपनी चुदाई करवाने की बहुत इच्छा होती है, लेकिन में क्या करूं?
इसलिए आज तो तुम मेरे साथ जी भरकर मेरी जमकर चुदाई करना मेरे राजा और उन्होंने यह बात कहते हुए मुझे ज़ोर से किस कर दिया। फिर में भी अब उनके बूब्स को दबाने लगा और इतने में अंकल आ गये और उन्होंने अपना टावल उतार दिया था।

फिर मैंने देखा कि उनका लंड बिल्कुल छोटे आकार का था, वो करीब चार इंच का था और अब अंकल भी मुझे किस करने लगे और मेरी एक तरफ आंटी थी और दूसरी तरफ अंकल, वो दोनों बराबर मेरे बदन से खेल रहे थे। अब आंटी ने मेरे कपड़े उतार दिए और वो खुद भी तुरंत पूरी नंगी हो गई थी। आप ये कहानी आप डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने देखा कि उनका पूरा बदन बहुत गोरा चिकना था और उनकी कमर थोड़ी सी मोटी थी। अब वो दोनों मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर चूसने लगे, तब आंटी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए खुश होकर कहा कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है, वाह आज तो मुझे बड़ा मज़ा आ जाएगा।
फिर अंकल ने मेरे लंड पर तेल लगाया और वो मुठ मारने लगे और कुछ ही सेकिंड में उन्होंने मेरा लंड पूरा चिकना कर दिया। उसके बाद उन्होंने अपनी गांड और लंड पर भी बहुत सारा तेल लगाया और फिर वो मेरे सामने कुत्ते की तरह अपने दोनों घुटनों पर बैठ गये और फिर उन्होंने मुझसे इशारा करते हुए अपनी शैतानी हंसी के साथ कहा कि जल्दी से अब पूरा लंड इसके अंदर डाल दे।
फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रखकर अपना पूरा ज़ोर लगाकर धक्का दिया, लेकिन लंड अंदर जा ही नहीं रहा था। मैंने महसूस किया कि उनकी गांड बहुत टाईट थी और अब मैंने उनके दोनों कूल्हों को अपने दोनों हाथों से पूरा फैला दिया और उसके बाद मैंने दोबारा अपने लंड को ज़ोर का धक्का दियाl
सबसे पहले मेरा सिर्फ़ टोपा ही अंदर गया और मैंने थोड़ा ज्यादा ज़ोर से धक्का लगाया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और अब में लगातार धक्के लगाने लगा और आंटी अंकल के लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर उनकी मुठ मारने लगी, जिसकी वजह से थोड़ी देर बाद अंकल के अपना सफेद रंग का गरम वीर्य उनके हाथ पर निकाल दिया।
फिर उसके बाद वो अपने लंड के साथ धीरे धीरे शांत होने लगे और मैंने उनकी गांड से अपना लंड भी बाहर निकाल लिया। अब अंकल हमारे पास से उठकर दूसरे कमरे में चले गये और फिर उनके चले जाने के बाद आंटी तो जैसे मुझ पर भूखी बिल्ली की तरह टूट ही पड़ी, क्योंकि वो कई महीने से प्यासी जो थी।
फिर उन्होंने मेरे पूरे बदन पर किस किया और मेरे लंड को तो उन्होंने पूरा का पूरा अपने मुहं में डाल दिया और वो लोलीपोप की तरह मेरे लंड का टोपा चूसने लगी जिसकी वजह से में तो पूरा मदहोश हो गया था। फिर उन्होंने अपने बूब्स मेरे पूरे बदन पर रगड़ने शुरू किए तब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे बदन पर तो कितने बाल है तुम तो पूरे मर्द हो, एक मेरे पति किसी काम के भी नहीं है।

फिर मैंने उनके कहा कि अभी तो असली मर्दानगी दिखानी बाकी है और तभी उन्होंने अपना एक बूब्स मेरे मुहं पर रख दिया। में उनके बूब्स की बड़ी बड़ी निप्पल को चूसने लगा और उनके बूब्स को अपने दांत से हल्के हल्के काटने लगा। उनके बूब्स बिल्कुल ढीले और लचीले थे। फिर में उनके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में रखकर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मैंने महसूस किया कि उनके बूब्स मेरे हाथों में भी नहीं समा रहे थे। उनका आकार बहुत बड़ा था।
फिर वो उल्टी लेट गयी और उन्होंने मुझे गांड मारने के लिए कहा तो मैंने उनके कहने पर अपने लंड को गांड के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर लंड को एक ही बार में पूरा अंदर डाल दिया और मैंने उनकी भी गांड मारी। फिर करीब 15 मिनट तक मैंने लगातार धक्के देकर उनकी गांड मारी। आप ये कहानी आप डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
उनकी गांड बहुत बड़ी थी इसलिए उनको दर्द भी नहीं हो रहा था, शायद वो इससे पहले भी ना जाने कितने लंड अपनी गांड में खा चुकी थी। फिर कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उनकी चूत पर रगड़ने लगी। मैंने देखा कि उनकी चूत बहुत गीली और चिकनी हो चुकी थी।
फिर मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और अब मैंने उनकी पूरी चूत को अपने मुहं में डाल लिया और ज़ोर से चूसने लगा। फिर तभी उनके मुहं से ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकल गई उईईईईईई माँ आईईईईई वाह कितना मज़ा आ रहा है और ज़ोर से चाटो, मेरी पूरी चूत को आज तुम फाड़ दो, तुम कितना अच्छा चूसते हो?
यह सब तुम मेरे पति को भी सिखाओ, उनको ऐसा कुछ भी नहीं आता। तुम तो बहुत बड़े जादूगर निकले चलो अब जल्दी से मुझे अपना वो असली वाला जादू भी दिखा दो जिसके लिए मैंने तुम्हे यहाँ पर बुलाया है। आप ये कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में डाल दिया और अब में जीभ को चूत में अंदर बाहर करने लगा। फिर में कुछ देर बाद खड़ा हो गया और मैंने आंटी को टेबल पर लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को एक दूसरे से अलग कर दिया और फिर मैंने खड़े खड़े उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मेरा पूरा लंड फट से पूरा अंदर चला गया क्योंकि उनकी चूत आकार में बहुत बड़ी और गीली भी बहुत थी। उसके बाद मैंने अपना लंड धीरे धीरे धक्कों के साथ अंदर बाहर करना शुरू किया और अपने दोनों हाथों से में उनके बूब्स को दबा रहा था और ऐसा करने में हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर बाद वो भी मेरे साथ धक्के देने लगी और करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गये। मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी गीली चूत में डालकर अपने लंड से धक्का देकर चूत की गहराईयों में डाल दिया और मुझे ज्यादा चिकनाई होने की वजह से लंड के अंदर बाहर आने जाने का पता ही नहीं चलाl

लेकिन सच पूछो तो मज़ा बहुत आया और फिर मैंने देखा कि मेरी चुदाई की वजह से उनकी संतुष्टि अब उनके चेहरे पर साफ साफ झलक रही थी, वो बहुत खुश अपनी चुदाई से बड़ी खुश नजर आ रही थी। फिर उसके बाद में कुछ देर बाद बाथरूम में गया और अपने लंड को साफ किया। फिर कपड़े ठीक करके में अपने दोस्त के घर पर वापस आ गया, लेकिन उसके बाद भी जब तक में अपने दोस्त के पास रहा मैंने उनके साथ बड़े मज़े किए और उन दोनों को बहुत खुश किया ।।

Friday, 14 October 2016

एक पुलिस एस.आइ का रंडीपना

मेरा नाम अनुराग सिंह है ..ऑर में मेल हू मुंबई मे रहता हूँ .आत्लेटिक बॉडी है मेरी. में हररोज कार लेके जाता हू ..वो कार मेरे डॅड ने गिफ्ट मे दी थी अट दा टाइम ऑफ ग्रड्यूशन. इसके बाद डाइरेक्ट स्टोरी पर आता हू ..
तो एक दिन मे जा रहा था गाँधीनगर मे तो मुझे हररोज वाशी से जाना पड़ता था. मे वहाँ से निकल रहा था .और मेरी कार ने सडन्ली एक बाइक से टक्कर मारी …आक्सिडेंट बड़ा नही था.अंकल को मेने खड़ा किया. बाद मे सामने पोलीस का क्वाटर था .ओर वहाँ पे बहुत सारे पोलिसेवाले था..उसमे से एक पोलीस वाला मेरे पास आके मेरा लाइसेन्स माँगा .
तो मेने दे दिया .मुझे लगा वो वापस दे देगा.उसने वापस नही दिया .तो मेने सर से माफी माँगी .बट उन्हो ने बोला कि तुम्हे कार साइड मे पार्क करके मेरे साथ चलना पड़ेगा तो मे चला गया.मुझे लगा फॉरमॅलिटी करवाएँगे ओर छोड़ देंगे. बाद मे .मे वहाँ गया तो वहाँ पे एक मेडम एसआइ की सीट पर बैठी थी ,उसका नाम एस.टी.पाटिल था.



मेने कहा मॅम मुझे छोड़ दो तो उन्होने बोला नही …मे तुम्हे 207 की दफ़ा मे गाड़ी अंदर करवा दूँगी. तो मे डर गया. मेने सोचा एक तो पापा ने दी है मेहनत के बाद ऑर इसमे भी ये हुआ तो कार तो गयी …समझो..मेने नेगोशियेशन करना चालू किया.कि मॅम प्ल्ज़ छोड़ दो .माफ़ कर दो ना… तो मान ही नही रही थी .बाद में चालू मुझे बोली चलो पोलीस स्टेशन तो मुझे गाड़ी मे बिठाया.ओर बाकी पोलिसेवालो को बोला कि मुझे पोलीसेस्टेशन मे काम है ऑर इसको अंदर भी करवाना है तो मे उसके साथ जाके आती हू …
में तो सीरियस्ली डर गया . ओर विनती करने लगा कि मेडम प्ल्ज़ छोड़ दो .तो मानी ही नही .बाद मे मैं भी गाड़ी मे बैठ कर उसके साथ चला.में गाड़ी चला रहा था ऑर वो मेरे साइड मे बैठी थी . उसके सामने विनती करने लगा मे तो .उसको बोला आप जो कहेगी करूँगा .बस छोड़ दो .वो बोली कि नही छोड़ सकती .तुम्हारी कार तो डिट्षाइन होगी ही .और तुम्हे फाइन लगेगा ही ..मेने बहोत बार बोला लेकिन मानी ही नही ….बाद में वो भी बोर हो गयी ऑर बोलने लगी कि मुझे क्या मिलेगा..मेने सोचा पैसे माँग रही हे…
तो मेने कहा मेरे पास 500 रुपये हैं आप ले लो …तो उसने बोला 500 मे मेरा क्या होगा. …इसी दौरान उसने बोला कि उसका घर आया है रास्ते मे वहाँ उसको काम है …ऑर मेने कार उसके घर के आगे खड़ी कर दी …और वहाँ बाहर खड़ा रहा….तो उसने बोला कि चलो मेरे साथ . तो मे डर के साथ चला गया. उसने मुझे पानी के लिए पूछा ..मेने सोचा ये क्या चल रहा है ..मुझे अभी थोड़ी देर पहेले रुला रही थी ऑर अभी पानी के लिए पूछ रही है …..बाद मे कहा तुम्हारे पिता क्या करते हैं ..तो मेने कहा कि बिज़्नेस मॅन हैं …

बाद में वो कपड़े चेंज करके आई …साड़ी मे क्या लग रही थी ….पोलीस वाली थी बहुत मोटी ऑर काली थी …ऑर मैं दूध जेसा सफेद….वो आके मुझे बोली मुझे 500 रुपये दे दो ….तो मेने निकल के दे दिए…ऑर उसने लेके बूब्स मे रख दिए..क्या साड़ी मे लग रही थी .;.में अंदाज़ा लगा सकता हू कि 36-32-34 की उसकी फिगर थी ….क्या माल लग रही थी ….में जाने लगा
उसने बोला रूको , एक ऑर कम है …क्या तुम्हे लगता है मे 500 मे मानूँगी …..मैं एसआइ हू …..कोई भिखारी नही …तो मेने सोचा अब यह क्या करेगी मेरा हाल ….तो बोली इधर आओ ….ऑर आँखे बंद करो ….मेरा थोबड़ा पकड़ केइ ….मेरे होठ को किस करने लगी …..मेरे होठ को रफ कर रही थी …जेसे कोई जानवर की तरह ….ऑर मुझे पकड़ के बोली कभी सेक्स किया है ……तो मेने कहा नही ….में बहुत सीधा था ….तो मेने बोला नही किया …
तो बोली आज सिखाती हू कि केसे करते हैं …मेरे बाल पकड़ लिए ऑर ज़ोर से बोली बोल …..कुत्ते…..बोल …कि आज मे तुझे चोद्ना चाहती हू …तो मेने नही बोला तो बोली ..एसआइ के हुकम को नही मानता ..अभी जेल में चक्की पिसवाउन्गा …तो मे डर गया ऑर मेने बोल दिया….
बाद मे उसने मुझे बाहर से ही अपने बूब्स पे लगा दिया ..मेरा मूह इतनी ज़ोर से दबाया कि में जेसे पूरा उसके बूब्स मे चला जाता….बाद में बोली एक काम कर नंगा हो जा…तो मुझे शरम आ रही थी …पर मुझे जबर्जस्ति होना पड़ा…ऑर बाद में मेरा लंड देख के बोली रे अयला इतना बड़ा ….मेरा लंड 8 इंच का था ….तो बोली आज तो बड़ा मज़ा आईगा रे……साली एकदम से चुदक्कड रंडी थी वो.
बाद मे बोली मदर्चोद मुझे नंगा कॉन करेगा …तेरा बाप आएगा क्या….तो मेने उसके कपड़े उतार दिए…तो मेने देखा उसके अंडरआर्म्स बाल ऑर पुसी के बाल बहूत थे,…तो वो बोली चल मेरी चूत चाट ….मेने कहा नही ये बहुत गंदी है …..तो बोली चाटेगा या चक्की पीसेगा,…तो मेने ना चाहते हुए भी चाटा…पर मुझे नही आता था तो मेरा सर वो अपनी चूत मे दबाने लगी …
मे उसको चाट ता रहा….बाद मे मुझे खड़ा करके धक्का दे दिया ..मे गिर गया बेड पे….ऑर मेरा लंड पकड़ के चूस ने लगी …ऐसे चूसने लगी कि जेसे मेरा लंड लोलिपोप हो ….में बहुत फॉर्म मे आ गया…ऑर झड गया…क्यूकी मेरा पहेली बार था….तो उसने बोला कि इतना जल्दी झड गया…साला हरामी ..अभी तो मुझे चोदना भी बाकी है …..

बाद में उसने मुझे बेड पे सुला कर डोरी से बाँध दिया ओर मेरे लंड पे बैठ के कूदने लगी …..मेरा लंड फिरसे एग्ज़ाइटेड हो गया…ओर मुझे भी मज़ा आने लगा..मुझे ऐसा लगा कि मुफ़्त की रंडी मिल गयी बट ये तो पूरी जानवर थी ….मेरे छाती के बाल भी नही छोड़े उसने …उसको भी खींचने लगी …..फिर मेरे लंड पे गरम जेसा लगा तो बोली मज़ा आ गया……और कूदती रही …बाद मे मैं झड गया
ऑर हम साथ मे बेड पे पड़े रहे…बाद मे वो बोली नंबर लिख ..तो मेने नंबर लिख लिया ऑर बोली कि जब भी दिल चाहे …कॉल कर लेना क्यू कि तू बड़ा अच्छा मज़ा देता हैं तो दोस्तो उस दिन पुलिस वाली ने मुझे सेक्स का ग्यान दिया . अब जब भी दिल करता है मैं उस पुलिस वाली को फ़ोन कर देता हूँ और उसकी मस्त चुदाई करता हूँ , दोस्तो आपको कहानी कैसी लगी ज़रूर बतानाl